Monthly Archive: August 2023
अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो ।अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो ।। के दर पे सुदामा, गरीब आ गया है ।के दर पे सुदामा, गरीब आ गया है ।। भटकते भटकते, ना जाने...
श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।बरनऊँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥ बुधिहीन तनु जानि के, सुमिरौं पवन कुमार।बल बुद्धि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेस बिकार॥ जय हनुमान ज्ञान गुन...
ॐ श्री गणेशाय नमः ||ॐ श्री गणेशाय नमः ||ॐ श्री गणेशाय नमः || ॐ श्री गणेशाय नमःवक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा || ॐ श्री गणेशाय नमः ||ॐ श्री गणेशाय...
नमामीशमीशान निर्वाण रूपं ->रुद्राष्टकम (रुद्रष्टकम) भगवान शिव की भक्ति में एक संस्कृत रचना है, जिसकी रचना श्री गोस्वामी तुलसीदास ने की है। नमामीशमीशान निर्वाणरूपं। विंभुं ब्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपं।निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरींह। चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहं।। निराकारमोंकारमूलं...
संस्कृत, जिसे अक्सर “देवताओं की भाषा” कहा जाता है, अपनी पंक्तियों में ज्ञान और प्रेरणा का बहुत संग्रह रखता है। संस्कृत श्लोकों की गहराई समय को पार करती है, पीढ़ियों के बीच रिसोनेट होती...
आज हम “बड़ी ई की मात्रा के शब्द” के बारे में सीखेंगे, ये शब्द क्या होते हैं, इन्हें कैसे बनाते हैं और ये शब्द हिंदी भाषा में कितने महत्वपूर्ण होते हैं। “ई की मात्रा के शब्द” के बारे में बहुत से छात्र अनजान होते हैं, इसलिए इस लेख में हम बहुत सारे “बड़ी ई की मात्रा के शब्द” और “ई की मात्रा के शब्द” का उल्लेख करेंगे ताकि इसकी समझ को स्पष्ट किया जा सके। ई की मात्रा वाले शब्द जोड़ के रूप में {Badi e Ki Matra Wale 10 Shabd} दी + प = दीप ती + न = तीन बी + ना = बीना मी + ना = मीना सी + ता = सीता वी + र = वीर पी +...
छोटे उ की मात्रा वाले शब्द कैसे बनते है ( chhote u ki matra wale shabd ) व+ु+धू (vu+dhu) – widow क+ु+लीन (ku+leen) – dirty ब+ु+ला (bu+la) – call ध+ु+ना (dhu+na) – smoke म+ु+द्रा...
Shree Durga Chalisa in Hindi text ॐ नमो नमो दुर्गेदुर्गेसुख करनी । नमो नमो अम्बे दुः ख हरनी ।।१।। नि रंकारं कार है ज्यो ति तुम्हा री । ति हूँ लो क फैली उजि...
। अथा र्गला स्तो त्रम् ।। वि नि यो ग- ॐ अस्य श्री अर्गला स्तो त्रमन्त्रस्य वि ष्णुर्ऋषिः अनुष्टुप छन्दः श्री महा लक्ष्मी र्देवता श्री जगदम्बा प्री तये सप्तशती पा ठा ङ्गत्वेन जपे वि...
नमस्सवि त्रे जगदेक चक्षुसे, जगत्प्रसूति स्थि ति ना शहेतवे, त्रयी मया य त्रि गुणा त्म धा रि णे, वि रि ञ्चि ना रा यण शङ्करा त्मने।। नमस्सवि त्रे जगदेक चक्षुसे, जगत्प्रसूति स्थि ति ना...