Aditya Hridaya Stotra Lyrics in Sanskrit & Hindi
नमस्सवि त्रे जगदेक चक्षुसे, जगत्प्रसूति स्थि ति ना शहेतवे, त्रयी मया य त्रि गुणा त्म धा रि णे, वि रि ञ्चि ना रा यण शङ्करा त्मने।।
नमस्सवि त्रे जगदेक चक्षुसे, जगत्प्रसूति स्थि ति ना शहेतवे, त्रयी मया य त्रि गुणा त्म धा रि णे, वि रि ञ्चि ना रा यण शङ्करा त्मने।।
रा म रा म महा बा हो शृणु गुह्यं सना तनम् । येन सर्वा नरी न् वत्स समरे वि जयि ष्यसि ।।3।।
आदि त्य हृदयं पुण्यं सर्वशत्रु वि ना शनम् । जया वहं जपेन्नि त्यम् अक्षय्यं परमं शि वम् ।।4।।
सर्वमङ्गल मा ङ्गल्यं सर्व पा प प्रणा शनम्। चि न्ता शो क प्रशमनम् आयुर्वर्धन मुत्तमम् ।।5।। रश्मि मन्तं समुद्यन्तं देवा सुर नमस्कृतम् । पूजयस्व वि वस्वन्तं भा स्करं भुवनेश्वरम् ।।6।
सर्वम सर्वदेवा त्मको ह्येष तेजस्वी रश्मि भा वनः । एष देवा सुर गणा न् लो का न् पा ति गभस्ति भिः ।।7।। एष ब्रह्मा च वि ष्णुश्च शि वः स्कन्दः प्रजा पतिः । महेन्द्रो धनदः का लो यमः सो मो ह्यपां पतिः ।।8।।
पि तरो वसवः सा ध्या ह्यश्वि नौ मरुतो मनुः । वा युर्वह्निः प्रजा प्रा णः ऋतुकर्ता प्रभा करः ।।9।। आदि त्यः सवि ता सूर्यः खगः पूषा गभस्ति मा न् । सुवर्णसदृशो भा नुः हि रण्यरेतारे ता दि वा करः ।।10।।
हरि दश्वः सहस्रा र्चिः सप्तसप्ति -र्मरी चि मा न् । ति मि रो न्मथनः शम्भुः त्वष्टा मा र्ता ण्डको ऽशुमा न् ।।11।। हि रण्यगर्भः शि शि रः तपनो भा स्करो रविः । अग्नि गर्भो दि तेः पुत्रः शङ्खः शि शि रना शनः ।।12।।
व्यो मना थ स्तमो भेदी ऋग्यजुः सा म-पा रगः । धना वृष्टि -रपां मि त्रो वि न्ध्यवी थी प्लवङ्गमः ।।13।।
नक्षत्र ग्रह ता रा णा म् अधि पो वि श्वभा वनः । तेजसा मपि तेजस्वी द्वा दशा त्मन्-नमो ऽस्तु ते ।।15।। नमः पूर्वा य गि रये पश्चि मा या द्रये नमः । ज्यो ति र्गणा नां पतये दि ना धि पतये नमः ।।16।
जया य जयभद्रा य हर्यश्वा य नमो नमः । नमो नमः सहस्रां शो आदि त्या य नमो नमः ।।17।। नम उग्रा य वी रा य सा रङ्गा य नमो नमः । नमः पद्मप्रबो धा य मा र्ता ण्डा य नमो नमः ।।18।।
ब्रह्मेशा ना च्युतेशा य सूर्या या दि त्य-वर्चसे । भा स्वते सर्वभक्षा य रौ द्रा य वपुषे नमः ।।19।। तमो घ्ना य हि मघ्ना य शत्रुघ्ना या मि ता त्मने । कृतघ्नघ्ना य देवा य ज्यो ति षां पतये नमः ।। 20।।
तप्त चा मी करा भा य वह्नये वि श्वकर्मणे । नमस्तमो ऽभि नि घ्ना य रुचये लो कसा क्षि णे ।। 21।। ना शयत्येष वै भूतं तदेव सृजति प्रभुः । पा यत्येष तपत्येष वर्षत्येष गभस्ति भिः ।। 22।।
एष सुप्तेषु जा गर्ति भूतेषु परि नि ष्ठि तः । एष एवा ग्नि हो त्रं च फलं चैवा ग्नि हो त्रि णा म् ।। 23।। वेदा श्च क्रतवश्चैव क्रतूनां फलमेव च । या नि कृत्या नि लो केषु सर्व एष रविः प्रभुः ।।24।।
पूजयस्वैन मेका ग्रो देवदेवं जगत्पति म् । एतत् त्रि गुणि तं जप्त्वा युद्धेषु वि जयि ष्यसि ।।26।।
अस्मि न् क्षणे महा बा हो रा वणं त्वं वधि ष्यसि । एवमुक्त्वा तदा गस्त्यो जगा म च यथा गतम् ।।27।। एतच्छ्रुत्वा महा तेजाः नष्टशो को ऽभवत्-तदा । धा रया मा स सुप्री तो रा घवः प्रयता त्मवा न् ।।28।।
आदि त्यं प्रेक्ष्य जप्त्वा तु परं हर्षमवा प्तवा न् । त्रि रा चम्य शुचि र्भूत्वा धनुरा दा य वी र्यवा न् ।।29।। रा वणंप्रेक्ष्य हृष्टा त्मा युद्धा य समुपा गमत् । सर्वयत्नेन महता वधे तस्य धृतो ऽभवत् ।।30।।
अथ रवि रवदन्-नि री क्ष्य रा मं मुदि तमनाः परमं प्रहृष्यमा णः । नि शि चरपति सङ्क्षयं वि दि त्वा सुरगण मध्यगतो वचस्त्वरेतिरेति।।३१।।
Siddha Kunjika Stotram Meaning in Hindi
नमस्ते अदित्य! नमस्ते अदित्य! नमस्ते अदित्य!
तुम ब्रह्मा हो, विष्णु हो, और महेश हो. तुम तीनों देवताओं का एक रूप हो. तुम प्रकाश हो, ज्ञान हो, और शक्ति हो. तुम सब कुछ हो.
मैं तुम्हारी शरण में आता हूं, अदित्य. मुझे अपने पापों से मुक्त करो. मुझे ज्ञान और शक्ति दो. मुझे सब कुछ दो.
मैं तुम्हारी शरण में आता हूं, अदित्य. मुझे अपने दुखों से मुक्त करो. मुझे सुख और शांति दो. मुझे सब कुछ दो.
मैं तुम्हारी शरण में आता हूं, अदित्य. मुझे अपने भय से मुक्त करो. मुझे साहस और विश्वास दो. मुझे सब कुछ दो.
मैं तुम्हारी शरण में आता हूं, अदित्य. मुझे अपने अंधकार से मुक्त करो. मुझे प्रकाश और ज्ञान दो. मुझे सब कुछ दो.
मैं तुम्हारी शरण में आता हूं, अदित्य. मुझे अपने दुखों से मुक्त करो. मुझे सुख और शांति दो. मुझे सब कुछ दो.
मैं तुम्हारी शरण में आता हूं, अदित्य. मुझे अपने भय से मुक्त करो. मुझे साहस और विश्वास दो. मुझे सब कुछ दो.
मैं तुम्हारी शरण में आता हूं, अदित्य. मुझे अपने अंधकार से मुक्त करो. मुझे प्रकाश और ज्ञान दो. मुझे सब कुछ दो.
मैं तुम्हारी शरण में आता हूं, अदित्य. मुझे अपने पापों से मुक्त करो. मुझे ज्ञान और शक्ति दो. मुझे सब कुछ दो.
मैं तुम्हारी शरण में आता हूं, अदित्य. मुझे अपने दुखों से मुक्त करो. मुझे सुख और शांति दो. मुझे सब कुछ दो.
मैं तुम्हारी शरण में आता हूं, अदित्य. मुझे अपने भय से मुक्त करो. मुझे साहस और विश्वास दो. मुझे सब कुछ दो.
मैं तुम्हारी शरण में आता हूं, अदित्य. मुझे अपने अंधकार से मुक्त करो. मुझे प्रकाश और ज्ञान दो. मुझे सब कुछ दो.
मैं तुम्हारी शरण में आता हूं, अदित्य. मुझे अपने पापों से मुक्त करो. मुझे ज्ञान और शक्ति दो. मुझे सब कुछ दो.
मैं तुम्हारी शरण में आता हूं, अदित्य. मुझे अपने दुखों से मुक्त करो. मुझे सुख और शांति दो. मुझे सब कुछ दो.
मैं तुम्हारी शरण में आता हूं, अदित्य. मुझे अपने भय से मुक्त करो. मुझे साहस और विश्वास दो. मुझे सब कुछ दो.
मैं तुम्हारी शरण में आता हूं, अदित्य. मुझे अपने अंधकार से मुक्त करो. मुझे प्रकाश और ज्ञान दो. मुझे सब कुछ दो.
मैं तुम्हारी शरण में आता हूं, अदित्य. मुझे अपने पापों से मुक्त करो. मुझे ज्ञान और शक्ति दो. मुझे सब कुछ दो.
मैं तुम्हारी शरण में आता हूं, अदित्य. मुझे अपने दुखों से मुक्त करो. मुझे सुख और शांति दो. मुझे सब कुछ दो.
मैं तुम्हारी शरण में आता हूं, अदित्य. मुझे अपने भय से मुक्त करो. मुझे साहस और विश्वास दो. मुझे सब कुछ दो.
मैं तुम्हारी शरण में आता हूं, अदित्य. मुझे अपने अंधकार से मुक्त करो. मुझे प्रकाश और ज्ञान दो. मुझे सब कुछ दो.
मैं तुम्हारी शरण में आता हूं, अदित्य. मुझे अपने पापों से मुक्त करो. मुझे ज्ञान और शक्ति दो. मुझे सब कुछ दो.
मैं तुम्हारी शरण में आता हूं, अदित्य. मुझे अपने दुखों से मुक्त करो. मुझे सुख और शांति दो. मुझे सब कुछ दो.
मैं तुम्हारी शरण में आता हूं, अदित्य. मुझे अपने भय से मुक्त करो. मुझे साहस और विश्वास दो. मुझे सब कुछ दो.
मैं तुम्हारी शरण में आता हूं, अदित्य. मु