Durga Kshama Prarthna lyrics क्षमा प्रार्थना
Durga Kshama Prarthna in Hindi-
After reciting Durga Saptashati or any other Stotra of Devi, a devotee should chant this Chhama Prarthna to request an apology from Devi for his mistakes.
By chanting this mantra, devotee tells Devi that he wants an apology for the sins he did knowingly and unknowingly. Here, Hindi meaning of this Prarthna is given.
दुर्गा सप्तशती पाठ के बाद या देवी भगवती के किसी भी स्तोत्र का पाठ करने के बाद अंत में साधक को दुर्गा क्षमा प्रार्थना का पाठ करना चाहिए। इसके मंत्रो को पढ़ते हुए साधक को अपने द्वारा किये गये पापों के लिए क्षमा मांगनी चाहिए।
साथ ही साधना में जो कोई भूल-चूक हो गयी हो या जो भी कमी रह गयी हो उसके लिए भी देवी से क्षमा याचना करनी चाहिए। साधक को चाहिए कि क्षमा प्रार्थना करते समय देवी भगवती का माता के रूप में ध्यान करके साधना को सिद्ध करने की विनती करे ।
। क्षमा प्रार्थना।
अपराधसहस्राणि क्रियन्तेSहर्निशम् मया।
दासोSयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वरि।1।
आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम् ।
पूजां चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वरि ।2।
मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वरि ।
यत्पूजितं मया देवि परिपूर्णं तदस्तु मे ।3।
अपराधशतं कृत्वा जगदम्बेति चोच्चरेत् ।
यां गतिं समवाप्नोति न तां ब्रह्मादयः सुराः ।4।
सापराधोSस्मि शरणं प्राप्तस्त्वां जगदम्बिके ।
इदानीमनुकम्प्योSहम् यथेच्छसि तथा करु ।5।
अज्ञानाद्विस्मृतेर्भ्रान्त्या यन्न्यूनमधिकं कृतम् ।
तत्सर्वं क्षम्यतां देवि प्रसीद परमेश्वरि ।6।
कामेश्वरि जगन्मातः सच्चिदानन्दविग्रहे ।
गृहाणार्चामिमां प्रीत्या प्रसीद परमेश्वरि ।7।
गुह्यातिगुह्यगोप्त्रीत्वं गृहाणास्म कृतं जपम् ।
सिद्धिर्भवतु मे देवि त्वत्प्रसादात् सुरेश्वरि।8।
।श्रीदुर्गार्पणमस्तु।
दुर्गा क्षमा प्रार्थना हिंदी अर्थ-
परमेश्वरि ! मेरे द्वारा रात-दिन सहस्रों (हजारों) अपराध होते रहते हैं। ‘यह मेरा दास है’ – यों समझकर मेरे उन अपराधों को तुम कृपापूर्वक क्षमा करो।1।
परमेश्वरि! मैं आवाहन नहीं जानता, विसर्जन नहीं जानता तथा पूज करने का ढंग भी नहीं जानता । क्षमा करो।2।
देवि! सुरेश्वरि! मैंने जो मन्त्रहीन, क्रियाहीन और भक्तिहीन पूजन किया है, वह सब आपकी कृपा से पूर्ण हो।3।
सैकड़ों अपराध करके भी जो तुम्हारी शरण में जाकर ‘जगदम्ब’ पुकारता है, उसे वह गति प्राप्त होती है जो ब्रह्मादि देवताओं के लिए भी सुलभ नहीं है।4।
जगदम्बिके! मैं अपराधी हूँ,किन्तु तुम्हारी शरण में आया हूँ। इस समय दया का पात्र हूँ । तुम जैसा चाहो वैसा करो।5।
देवि! परमेश्वरि! अज्ञान से, भूल से अथवा बुद्धि भ्रांत होने के कारण मैंने जो न्यूनता या अधिकता कर दी हो, वह सब क्षमा करो और प्रसन्न होओ।6।
सच्चिदानंदरूपा परमेश्वरि! जगन्माता कामेश्वरि! तुम प्रेम पूर्वक मेरी यह पूजा स्वीकार करो और मुझ पर प्रसन्न रहो।7।
देवि! सुरेश्वरि! तुम गोपनीय से भी गोपनीय वस्तु की रक्षा करने वाली हो। मेरे निवेदन किये हुए इस जप को ग्रहण करो। तुम्हारी कृपा से मुझे सिद्धि प्राप्त हो।8।
Saptashati Kshama Prarthna Lyrics-
aparādha sahasrāni kriyante aharnisham mayā
dāsoayamiti mām matvā prasīd parameshwari.1
āvāhanam na jānāmi na jānāmi visarjanam
pujām chaiva na jānāmi kshamyatām parameshwari.2
mantrahinam kriyāhinam bhaktihinam sureshwari
yatpūjitam mayā devi paripūrna tadastu me.3
aparādha shatam kritvā jagadmabeti choch-charēt
yām gatim samavāpnoti na tām brahmādayā surāh.4
sāparādho asmi sharanm prāptastvām jagadambike
idānim anukampyo aham yathech-chhasi tathā kuru.5
agyānādwismrite-r-bhrāntyā yannyūnam adhikam kritam
tatsarvam kshamyatām devi prasīd sureshwari.6
kāmeshwari jaganmātah sachchidānanda vigrahe
grihānārchāmimām prītya prasīda parameshwari .7
guhyāti guhyagoptrī tvam grihānāsma kritam japam
siddhirbhavatu me devi tvat-prasādāt-sureshwari .8