Sanskrit Slokas with Meaning in Hindi | Motivational 2 line Sanskrit slokas
संस्कृत, जिसे अक्सर “देवताओं की भाषा” कहा जाता है, अपनी पंक्तियों में ज्ञान और प्रेरणा का बहुत संग्रह रखता है। संस्कृत श्लोकों की गहराई समय को पार करती है, पीढ़ियों के बीच रिसोनेट होती है। ये शाश्वत पंक्तियाँ केवल भाषाई सौंदर्य प्रदान करती हैं बल्कि गहरी जीवन की सीखें भी। आइए, हम कुछ प्रेरणादायक संस्कृत श्लोकों में खुद को प्रेरित करने के लिए हिंदी में उनके अर्थ के साथ खोजते हैं।
Motivational Sanskrit Slokas With Meaning in Hindi
Sloka: योगस्थ: कुरु कर्माणि सङ्गं त्यक्त्वा धनञ्जय।
- Meaning (Hindi): हे धनञ्जय! कर्मों में स्थिर रहकर आसक्ति त्याग दे।
Sloka: मनोबुद्ध्यहङ्कारचित्तानि न त्वहम्।
- Meaning (Hindi): मन, बुद्धि, अहंकार और चित्त – ये सब मैं नहीं हूँ।
Sloka: विनयमुल्लङ्घ्य न पश्यन्ति पण्डिताः।
- Meaning (Hindi): विनय को अवज्ञा करने वाले पण्डित नहीं देखते।
Sloka: सर्वदा सर्वकालेषु सर्वदैवाधिकारिणः।
- Meaning (Hindi): हमेशा, सभी समयों में, सभी परिस्थितियों में हमारा अधिकार होता है।
Sloka: आपद्यमापद्यम् उद्यमयन्ति स्थितं हि पुरुषा:।
- Meaning (Hindi): व्यक्तियों के द्वारा कठिनाईयों को पार किया जा सकता है।
Sloka: यथा राजा तथा प्रजा।
- Meaning (Hindi): जैसा राजा, वैसी जनता।
Sloka: उदासीनवत् आसीनो योगमायासमावृतः।
- Meaning (Hindi): समर्पित होकर योगमाया में स्थित व्यक्ति।
Sloka: विद्याया ददाति पात्रताम्।
- Meaning (Hindi): विद्या से विनय प्राप्त होता है।
Sloka: समत्वं योग उच्यते।
- Meaning (Hindi): समता ही योग कहलाती है।
Sloka: जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।
- Meaning (Hindi): मातृभूमि पर स्वर्ग से भी उत्तम है।
Sloka: योग: कर्मसु कौशलम्।
- Meaning (Hindi): कर्मों में योग कौशल्य है।
Sloka: विद्याया ददाति विनयं।
- Meaning (Hindi): विद्या से विनय प्राप्त होता है।
Sloka: सहाय्यात्मकबुद्धिः।
- Meaning (Hindi): सहाय्यकारी बुद्धि।
Sloka: समदुःखसुखः स्वस्थ:।
- Meaning (Hindi): समदुःखसुख में स्थिर व्यक्ति।
Sloka: योग: कर्मसु कौशलम्।
- Meaning (Hindi): कर्मों में योग कौशल्य है।
Sloka: सत्यं वद धर्मं चर।
- Meaning (Hindi): सत्य बोलो और धर्म का पालन करो।
Sloka: मातृदेवो भव।
- Meaning (Hindi): माता को देवी मानो।
Sloka: आचार्यदेवो भव।
- Meaning (Hindi): आचार्य को देवता मानो।
Sloka: श्रेयान्स्वधर्मो विगुण: परधर्मात्स्वनुष्ठितात्।
- Meaning (Hindi): अपने धर्म में कुछ दोष भले हैं, परयापन में उत्तम नहीं।
Sloka: आपद्यमापद्यम् उद्यमयन्ति स्थितं हि पुरुषा:।
- Meaning (Hindi): व्यक्तियों के द्वारा कठिनाईयों को पार किया जा सकता है।
Sloka: योगस्थ: कुरु कर्माणि सङ्गं त्यक्त्वा धनञ्जय।
- Meaning (Hindi): हे धनञ्जय! कर्मों में स्थिर रहकर आसक्ति त्याग दे।
Sloka: मनोबुद्ध्यहङ्कारचित्तानि न त्वहम्।
- Meaning (Hindi): मन, बुद्धि, अहंकार और चित्त – ये सब मैं नहीं हूँ।
Sloka: विनयमुल्लङ्घ्य न पश्यन्ति पण्डिताः।
- Meaning (Hindi): विनय को अवज्ञा करने वाले पण्डित नहीं देखते।
Sloka: सर्वदा सर्वकालेषु सर्वदैवाधिकारिणः।
- Meaning (Hindi): हमेशा, सभी समयों में, सभी परिस्थितियों में हमारा अधिकार होता है।
Sloka: आपद्यमापद्यम् उद्यमयन्ति स्थितं हि पुरुषा:।
- Meaning (Hindi): व्यक्तियों के द्वारा कठिनाईयों को पार किया जा सकता है।
Sloka: यथा राजा तथा प्रजा।
- Meaning (Hindi): जैसा राजा, वैसी जनता।
Sloka: उदासीनवत् आसीनो योगमायासमावृतः।
- Meaning (Hindi): समर्पित होकर योगमाया में स्थित व्यक्ति।
Sloka: विद्याया ददाति पात्रताम्।
- Meaning (Hindi): विद्या से विनय प्राप्त होता है।
Sloka: समत्वं योग उच्यते।
- Meaning (Hindi): समता ही योग कहलाती है।
Sloka: जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।
- Meaning (Hindi): मातृभूमि पर स्वर्ग से भी उत्तम है।
Sloka: योग: कर्मसु कौशलम्।
- Meaning (Hindi): कर्मों में योग कौशल्य है।
Sloka: विद्याया ददाति विनयं।
- Meaning (Hindi): विद्या से विनय प्राप्त होता है।
Sloka: सहाय्यात्मकबुद्धिः।
- Meaning (Hindi): सहाय्यकारी बुद्धि।
Sloka: समदुःखसुखः स्वस्थ:।
- Meaning (Hindi): समदुःखसुख में स्थिर व्यक्ति।
Sloka: योग: कर्मसु कौशलम्।
- Meaning (Hindi): कर्मों में योग कौशल्य है।
Sloka: सत्यं वद धर्मं चर।
- Meaning (Hindi): सत्य बोलो और धर्म का पालन करो।
Sloka: मातृदेवो भव।
- Meaning (Hindi): माता को देवी मानो।
Sloka: आचार्यदेवो भव।
- Meaning (Hindi): आचार्य को देवता मानो।
Sloka: श्रेयान्स्वधर्मो विगुण: परधर्मात्स्वनुष्ठितात्।
- Meaning (Hindi): अपने धर्म में कुछ दोष भले हैं, परयापन में उत्तम नहीं।
Sloka: आपद्यमापद्यम् उद्यमयन्ति स्थितं हि पुरुषा:।
- Meaning (Hindi): व्यक्तियों के द्वारा कठिनाईयों को पार किया जा सकता है।
Sloka: योगस्थ: कुरु कर्माणि सङ्गं त्यक्त्वा धनञ्जय।
- Meaning (Hindi): हे धनञ्जय! कर्मों में स्थिर रहकर आसक्ति त्याग दे।
Sloka: मनोबुद्ध्यहङ्कारचित्तानि न त्वहम्।
- Meaning (Hindi): मन, बुद्धि, अहंकार और चित्त – ये सब मैं नहीं हूँ।
Sloka: विनयमुल्लङ्घ्य न पश्यन्ति पण्डिताः।
Easy Sanskrit Slokas With Meaning in Hindi (arth sahit)
1) – Sloka: उत्तिष्ठते जाग्रते प्राप्य वरान्निबोधत।
Meaning (Hindi): उठो, जागो, और सर्वोत्तम को प्राप्त करो; समझो और जानो।
2) Sloka: कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
Meaning (Hindi): कर्म करने में ही तुम्हारा अधिकार है, फलों में कभी नहीं।
3) Sloka: प्रयत्नेनैव सिद्ध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः।
Meaning (Hindi): कार्य प्रयत्न से ही सिद्ध होते हैं, मनोरथों से नहीं।
4) Sloka: असतो मा सद्गमय।
Meaning (Hindi): मुझे असत्य से सत्य की ओर ले जाओ।
5) Sloka: आत्मनो मोक्षार्थं जगत् हिताय च।
Meaning (Hindi): अपने मोक्ष के लिए और जगत के हित के लिए।
6) Sloka: विद्याया ददाति विनयं।
Meaning (Hindi): विद्या विनय को प्रदान करती है।
7) Sloka: सत्यं वद। प्रियं वद।
Meaning (Hindi): सत्य बोलो, प्रिय बोलो।
8) Sloka: योग: कर्मसु कौशलम्।
Meaning (Hindi): कर्मों में माहिरी है योग।
9) Sloka: आपद्यमापद्यम् उद्यमयन्ति स्थितं हि पुरुषा:।
Meaning (Hindi): व्यक्तियों का स्थिरता से उत्थान होता है, चाहे उन्हें संकट आया हो या सफलता।
10) Sloka: न हि कश्चित्क्षणमपि जातु तिष्ठत्यकर्मकृत्।
Meaning (Hindi): कोई भी कभी भी काम करने से बिना नहीं रहता।
11) Sloka: यत्रोपरमते चित्तं निरुद्धं योगसेवया।
Meaning (Hindi): जहाँ मेंढ़ी से बना मन योग की सेवा द्वारा संयमित रहता है।
12) Sloka: श्रद्धावान्लभते ज्ञानम्।
Meaning (Hindi): श्रद्धावान व्यक्ति ज्ञान प्राप्त करता है।